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द गर्ल इन रूम 105–७१

आप नाराज़ क्यों हो रहे हैं?" मां ने पापा को शांत कराते हुए कहा 'आईआईटी में हर जगह से स्टूडेंट आले

राजपुरोहित जी?

'क्यों बेटा? चिंता वाली तो कोई बात नहीं है ना?' मां ने पूछा।

चिंता? शायद जारा और मेरा साथ होना उनके लिए चिंता वाली बात थी।

हैं। वो अच्छी लड़की लगती है। अलवर देखेगी और चली जाएगी। इसमें इतना गुस्सा करने की क्या जरूरत है "तुम्हारा बेटा एक मुसलमान लड़की को घर लेकर आता है और तुमको इससे चिंता नहीं होती?" पापा ने कहा। मैं समझ नहीं पा रहा था कि मेरा दोष क्या है। यह कि मैं एक मुसलमान लड़की को घर ले आया था? ,

"मां, क्या आपने नहीं कहा कि वो बहुत खूबसूरत है? "हा तो?" 'वो इंटेलीजेंट भी है। वो आईआईटी से पीएचडी कर रही है। विंग डाटा नेटवर्किंग पर कटिंग-एज स्टफा

बिग डाटा क्या? कोई डाटा पैकेज है क्या?' मां ने कहा। मैंने सोचा कि मुझे यहां पर जारा के धीसिस

सब्जेक्ट के बारे में बात नहीं करनी चाहिए थी।

" फिर वो समाज के लिए भी काम करती है। वो केवल अपने बारे में नहीं सोचती। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वो कश्मीर के लिए भी कुछ करना चाहती है।" ये सब ठीक है, लेकिन तुम हमें यह सब क्यों बता रहे हो?" मां ने कहा।

मां और पापा दोनों मुझे घूरकर देख रहे थे। मैंने एक गहरी सांस ली। 'मां, मुझे वह पसंद है।'

"क्या?" मां ने चौंकते हुए कहा। "मुझे ज़ारा पसंद है। जारा भी मुझे पसंद करती है। हम साथ-साथ जीवन बिताना चाहते हैं।'

"देखा,' पापा ने चिल्लाते हुए कहा। वे डायनिंग टेबल से उठ खड़े हुए थे। 'मैं इसका बाप हूं, कोई मूर्ख नहीं हूँ। मैं तो उसे देखते ही पूरा माजरा समझ गया था।'

साथ-साथ तो क्या तुम उस मुसलमान लड़की से शादी करना चाहते हो?" मां ने कहा।

"मैं ज़ारा के साथ होना चाहता हूं, जो मुसलमान है और जिसकी लंबाई पांच फीट तीन इंच है। उसका रंग इसके बाद पापा ने वे ही पंक्तियां दोहरा दीं, जो आज तक लाखों भारतीय पतियों ने कही होंगी, लो, अपने राजकुमार को थोड़ा और पुचकार लो। पहले तो ये अपनी क्लास में फिसड्डी निकले। फिर ये अपने लिए कोई जॉब

बर्फ़ की तरह सफ़ेद है। लेकिन इन सब स्टुपिड चीज़ों का आखिर क्या मतलब है?" "एक लड़की का मुसलमान होना कुछ मायने नहीं रखतार' मां ने पूछा।

नहीं ढूंढ सके और अब ये महाशय एक मुसलमान लड़की से शादी करना चाहते हैं। यह सब तुम्हारे ही लाड़-प्यार का नतीजा है।" मां उठीं और मेरे सिर पर एक चपत लगाई। बचपन के बाद पहली बार उन्होंने ऐसा किया था।

'आउच, मैंने अपना सिर सहलाते हुए कहा। एक राजस्थानी मां के हाथ की चोट बहुत तगड़ी होती है।

“तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है क्या? तुम मुसलमान लड़की से व्याह करोगे?" उन्होंने कुछ ऐसे अंदाज में

कहा, जैसे मैंने एक ऑनलाइन कोकेन शॉप खोलने के लिए उनसे पैसे मांग लिए हों। 'मुसलमान नहीं कश्मीरी मुसलमान, पापा ने कहा, जैसे कि जारा एक प्लेन बनिला मुसलमान होने से भी

बदतर थी।

पापा, वो दिल्ली के एक अच्छे परिवार की एजुकेटेड लड़की है।' "उसके जैसे लोगों ने ही हिंदुओं को कश्मीर से भगा दिया है, पापा ने कहा।

"क्या? जारा तो कश्मीर में अमन-चैन कायम रखने के लिए ब्लॉग लिखती है, मैंने कहा 'आप क्या बात 'ब्लॉग क्या?'

कर रहे हैं पापा?"

"ब्लॉग यानी वो इंटरनेट पर कश्मीर में अमन-चैन बनाए रखने की बात लिखती है। उससे बात कीजिए, उसके विचारों को जानिए।'

“मैं कश्मीर के बारे में इन कश्मीरी मुस्लिमों से बात नहीं करता। तुम तो मुझे यह बताओ कि वो मेरे घर से कब जा रही है?" पापा ने कहा। वे चलकर सोफ़े के पास गए और उस पर बैठ गए। टीवी चलाते ही उनका मूड और खराब हो गया। इंडियन आर्मी पर कश्मीरी पत्थरबाजों के हमले को लेकर एक न्यूज चैनल पर प्राइम टाइम डिबेट

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